अनूपपुर. जिले के जैतहरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम धनगवां में हृदयविदारक घटना सामने आई है। यहां एक युवक ने पारिवारिक कलह के चलते अपने ही सगे भाई, भाभी और एक भतीजी और भतीजे को जिंदा जला दिया। इस वीभत्स हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी ने खुद भी फांसी लगा ली। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि भतीजा शहडोल जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। घटना रात डेढ़ से दो बजे के बीच की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक ओमकार विश्वकर्मा (40) पिता छोटेलाल विश्वकर्मा, कस्तूरिया (35) पति ओमकार विश्वकर्मा, निधि (16) पिता ओमकार विश्वकर्मा हैं। वहीं, आशीष (17) पिता ओमकार विश्वकर्मा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपी दीपक पिता छोटेलाल विश्वकर्मा ने फांसी लगा ली है।
गांव में छोटेलाल के तीन पुत्र ओमकार विश्वकर्मा, चेतराम और दीपक साथ में घर में रहते थे। इनमें दीपक सबसे छोटा था। वे अपना अलग व्यवसाय कर रहे थे। छोटा भाई दीपक अविवाहित था। उसे गैरेज खोलने के लिए दोनों भाइयों ने एक साल पहले बैंक से 10 लाख रुपए लोन दिलवाया था। दीपक ने अपना व्यवसाय भी प्रारंभ कर दिया था, लेकिन किश्त समय पर ना जमा करने को लेकर दोनों में विवाद होता रहता था।
रात डेढ़ बजे मौत का तांडव
रात करीब डेढ़ बजे ओमकार विश्वकर्मा, अपनी पत्नी कस्तूरिया, बेटी निधि कमरे में सोए हुए थे। आरोपी दीपक ने पहले भाई के कमरे में दरवाजे के नीचे से पेट्रोल गिराकर आग लगा दी। कमरे में ओमकार, कस्तूरिया और बेटी निधि सोए हुए थे। इसके बाद दीपक ने आशीष के कमरे में भी पेट्रोल डालकर आग लगा दी। आग लगाते वक्त वक खुद भी झुलस गया। चीख-पुकार सुनकर चेतराम और उसका परिवार भी जाग गया। उसने देखा तो पूरे घर में आग लगी हुई थी। घबराकर उसने अपने परिवार को बाहर निकाला। भतीजे आशीष के कमरे का दरवाजा खोलकर उसे निकाला। अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन आग फैलने के कारण वह अंदर नहीं जा सका। इसके बाद उसने दीपक के कमरे में खिड़की से झांका, तो वह फंदे पर लटका हुआ था।
खुद ने भी लगा ली फांसी
दीपक के सिर पर खून सवार था। आग लगाते समय वह खुद भी झुलस गया था। जलने के बाद कोई बाहर ना भाग पाए, इसलिए बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद खुद भी कमरे में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दीपक की नफरत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने घर के बाहर खड़ी मोटरसाइकिल को भी आग के हवाले कर दिया। आग की लपटें देख ग्रामीण भी जाग गए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की। लोगों ने पुलिस को भी सूचना दी।
दीवार पर लिखा- हत्या का कारण
दीपक के कमरे में दीवार पर कोयले से कुछ शब्द लिखे हैं, जिसे इस हत्याकांड का कारण बताया जा रहा है। दीवार पर लिखा है कि ” चेतराम के साथ मिलकर जुग्गा उसे घर से भगा रहे थे। तेरा यहां कुछ नहीं है। वे जुआ खेलने का भी आरोप लगा रहे थे”