भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कैश के लेनदेन को लेकर हो रहे खुलासों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम तो शामिल हैं ही, लेकिन सीबीडीटी की रिपोर्ट में सिंधिया समर्थक उन नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं जो पहले कांग्रेस में थे लेकिन फिर बीजेपी में शामिल हो गए। इतना ही नहीं कुछ नाम तो ऐसे हैं जो अभी शिवराज सरकार में मंत्री हैं या फिर बीजेपी से विधायक हैं। कैशकांड में कांग्रेस पर हमलावर हो रही बीजेपी आखिर इनको लेकर क्या स्टैंड अपना रही है? इस खुलासे से बीजेपी खेमे में हड़कंप है. इस सिलसिले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि कमलनाथ के काले और गोरखधंधों की वजह से ही उन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी थी। इस मामले में कोई भी लिप्त क्यों न हो कानून – अपना काम करेगा। वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है भ्रष्टाचार का। दिग्विजयसिंह तो पहले से कहते रहे हैं कि चुनाव मैनेजमेंट से जीते जाते हैं। दिग्विजयसिंह ने धनबल बाहुबल से चुनाव जीतने की कोशिश की। कमलनाथ इस पूरे खेल के कर्ताधर्ता थे उन पर भी एफआईआर होनी चाहिए।
कांग्रेस से बीजेपी में गए इन नेताओं के नाम सामने आए
सीबीडीटी की रिपोर्ट में कुछ ऐसे नेताओं के नाम भी हैं जो पहले कांग्रेस में थे, लेकिन अब बीजेपी में आ चुके हैं। इनमें राहुल लोधी, नारायण पटेल, बिसाहूलाल सिंह, रक्षा सिरोनिया, प्रद्युमन सिंह तोमर, राजवर्धन दत्तिगांव, गिर्राज दंडोतिया, कमलेश जाटव, रणवीर जाटव, एदल सिंह कंसाना, सुमित्रा कासदेकर, प्रद्युम्न लोधी के नाम शामिल हैं। इनके साथ ही बीएसपी के दोनों विधायक और एसपी के एक विधायक के नाम भी शामिल हैं।
कांग्रेस का पलटवार
आयकर की रिपोर्ट में कांग्रेस नेताओं के नाम सामने आने पर दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। आयोग ने उन अफसरों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए हैं, जिनका चुनाव करवाए जाने से कोई लेना-देना नहीं रहा। भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर आदेश देने का अधिकार चुनाव आयोग को नहीं है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि हर तरह की जांच के लिए कांग्रेस नेता तैयार हैं।