मुंबई। कॉमेडी किंग कपिल शर्मा को मुंबई पुलिस द्वारा सीज की गई गाड़ियों के फर्जी रजिस्ट्रेशन मामले में पूछताछ के लिए समन किया गया. सेंट्रल इंटेलिजेंस यूनिट के API सचिन वाजे ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. कपिल CIU दफ्तर में अपना बयान दर्ज कराने के बाद यहां से रवाना हो गए हैं. उन्होंने कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया के खिलाफ अपना बयान दर्ज किया है.
कपिल शर्मा ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने दिलीप छाबड़िया से उनकी वैनिटी वैन डिजाइन करने को कहा था, लेकिन बावजूद पेमेंट किए जाने के उन्होंने कपिल को गाड़ी डिलीवर नहीं की. कपिल शर्मा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उन्होंने दिलीप छाबड़िया को साढ़े पांच करोड़ रुपये वैनिटी वैन डिजाइन करने के लिए दी थी.
बता दें कि कपिल ने दिलीप छाबड़िया पर फ्रॉड करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें बतौर विटनेस (गवाह) अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था. कपिल शर्मा ने बताया, “मैंने दिलीप छाबड़िया और उनके स्कैम के बारे में अखबार में पढ़ा था, जिसके बाद मैंने मुंबई पुलिस कमिश्नर से मिलने का फैसला किया. हमने दिलीप छाबड़िया से हमारे लिए एक वैनिटी वैन डिजाइन करने को भी कहा था, जिसके लिए उन्हें पूरी पेमेंट की जा चुकी थी.”
पहले भी कराई थी शिकायत
.हालांकि बावजूद इसके वह हमें गाड़ी डिलीवर नहीं कर सके. हमने इस सिलिसिले में पहले इकॉनमिक ऑफेंस विंग (आर्थिक अपराध शाखा) में भी शिकायत दर्ज कराई थी. मुझे खुशी है कि छाबड़ा जैसे लोग गिरफ्तार हो रहे हैं. ऐसे बहुत से सफेदपोश लोग हैं, जो ऐसी आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त हैं. मुझे वो पूरी धनराशि नहीं पता है जो हमने उन्हें दी थी, इस बारे में मेरे अकाउंटेंट को ज्यादा पता होगा.
किस तरह हुआ था पूरा लेनदेन?
कपिल शर्मा ने दिलीप छाबड़िया को 5.30 करोड़ रुपये अपनी वैनिटी वैन डिजाइन करने के लिए मार्च 2017 और 2018 में दिए थे. जुलाई 2018 में दिलीप छाबड़िया ने 40 लाख रुपये की डिमांड और की क्योंकि जीएसटी लगना शुरू हो गया था. इसके बाद कपिल शर्मा NCLT के पास पहुंचे जिन्होंने दिलीप के अकाउंट फ्रीज कर दिए. इसके बाद दिलीप फिर से कपिल के पास पहुचे और 60 लाख रुपये और देने की बात कही लेकिन उन्होंने गाड़ी डिलीवर नहीं की.
इसके बाद डीसी ने 12 से 13 लाख रुपये का बिल कपिल शर्मा को व्हीकल पार्किंग के लिए भेज दिया. सितंबर 2020 में कपिल शर्मा ने EOW से शिकायत की और आज आखिरकार उन्होंने अंतिम फैसला ले लिया. कपिल ने कहा कि हमने इस मामले में एक अलग शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने 5.30 करोड़ रुपये और बाद में 40 लाख रुपये डीसी को दिए थे. बाद में मांगे गए 60 लाख उन्होंने डीसी को नहीं दिए.