फिल्म जंगल सत्याग्रह के कलाकारो ने स्क्रिप्ट और सीन पर किया काम
शाहपुर:- फिल्म जंगल सत्याग्रह एक रियल लाइफ फीचर फिल्म है, जिसमे सन 1910 के लगभग बैतूल के आदिवासीयों ने अंग्रेजो के खिलाफ बिगुल ठोक दिया, वही सन 1920 मे सरदार गंजनसिंग ने छावनी जलाकर अंग्रेजो के नाक मे दम कर दिया, आदिवासी क्रांतिकारी उफान पर थे, वही 1930 आदिवासीयों ने जंगल सत्याग्रह का डंका बजा दिया ये गूँज राष्ट्रीय पटल तक पहुँच गया तभी महात्मा गाँधी जी ने राष्ट्रीय कांग्रेस को आदिवासीयों के सहयोग के लिए कहाँ जिसमे बैतूल के दीपचंद गोठी, डॉ शारदा प्रसाद, पुरुषोत्तम बालाजी अम्बेकर आगे आये और 1933 एवं 1942 से 1947 तक सरदार विष्णुसिंग को सहयोग किया।
बैतूल के इतिहास को लिखकर उजागर करने वाले फिल्म के लेखक डायरेक्ट प्रदीप उइके कहते है कि मेरा स्वभाग्य है, मै अपनों के इतिहास को लिख उजागर करने जा रहा हूँ,फिल्म के चयनित कलाकार 1 अक्टूबर से वर्क शाप ले छत्तीसगढ़ के मास्टर ट्रेनर लोरेन फ्रांसिस से ले रहे है, उनके वर्क शाप के प्रथम कड़ी नुक्कड़ नाटक का मंचन गांव गांव किया गया जिससे कलाकारों का मनोबल दोगुना बढ़ सके, दूसरी कड़ी डायलॉग एवं कैमरे पर सही अभिनय करना, वह भी कलाकार सुचारु रूप से सिख रहे है, दूसरी कड़ी मे स्क्रिप्ट पर कार्य करते हुये सरदार गंजनसिंग का रोल हरदा के कलाकार शौरभ उइके कर रहे है।
रोशनविश्वकर्मा,पंकज भटाचार्य, अतुल धुर्वे, विशाल वरवड़े, पवन उइके,प्रदिप धुर्वे,दीपक धुर्वे ,प्रवीण धुर्वे,कैलाश परते, शिवकुमार बारस्कर, उमेश सरयाम,पायल मोहे, सागर उइके,हंसा इरपाचे, सतीश मर्सकोले,अंगूरी सलामे, सुनील परते,दुर्गा उइके,राकेश टेकाम,प्रमोद बर्दाहे,चन्दन धुर्वे, प्रहलाद परते, रिया जगताप, राहुल प्रधान, लक्ष्मण उइके, नीलेश सरियाम, दीप परते, संजय युवने, पवन उइके, नीरज उइके, बब्बा मिथलेश उइके,दीपा सेंडे, शिवकली सरयाम, प्रकाश विश्वकर्मा अन्य कलाकार बारीकियां सिख रहे है।
अंतिम दिन कैंप फायर बब्बा फार्म हॉउस काली मिट्टी शाहपुर मे 15 अक्टूबर को अतिथियों के उपस्थिति मे प्रमाण पत्र वितरित कर होंगा।
Author: papajinews
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