भोपाल. शिवराज कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक बयान ने निगम मंडलों में नियुक्ति की बाट जो रहे नेताओं को तगड़ा झटका दिया है. मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक से पहले अपने मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब निगम मंडलों को भी संबंधित विभाग के मंत्री संभालेंगे.अब तक अधिकारी निगम मंडल का काम देखते थे. लेकिन मेरा मानना है कि मंत्री ही निगम मंडल का प्रभार देखें. यह काम पॉलिटिकल लीडरशिप से ही होने चाहिए.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले के मायने अब ये निकाले जा रहे हैं कि फिलहाल निगम मंडलों में नियुक्तियां नहीं होंगी. मंत्री ही इनका काम देखेंगे. लिहाजा अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिरकार सिंधिया समर्थक उन नेताओं का एडजस्टमेंट कैसे होगा जो चुनाव हार गए हैं और बीजेपी के उन नेताओं का क्या होगा जिन्होंने उपचुनाव के दौरान राजनीतिक कुर्बानी दी थी.
सकते में दावेदार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान के बाद निगम मंडलों के दावेदार नेताओं में खलबली मची हुई है. यह माना जा रहा था कि सिंधिया समर्थक जो तीन मंत्री उपचुनाव हारे हैं उनमें से इमरती देवी और गिर्राज दंडोतिया को निगम मंडलों में एडजस्ट किया जा सकता है. वहीं बीजेपी के वह नेता भी निगम मंडलों में नियुक्त किए जा सकते हैं जो उपचुनाव के दौरान नाराज माने जा रहे थे, लेकिन अब हाल फिलहाल निगम मंडलों में नियुक्ति के संकेत दिखाई नहीं पड़ रहे.