शाहपुर,घोड़ाडोंगरी,चिचोली ब्लॉक के मोबिलाइजरों ने क्षेत्रीय विधायक को सौंपा ज्ञापन
शाहपुर,घोड़ाडोंगरी,चिचोली ब्लॉकों के मध्यप्रदेश पेसा एक्ट मोबिलाइजरों ने क्षेत्रीय विधायक गंगा सज्जन सिंह उईके के निज निवास भौरा पहुंच वेतन संबंधित समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
केंद्रीय पंचायत राज्य मंत्रालय से पेसा एक्ट ग्रामसभा मोबिलाइजरों की 8000/- वेतन को निरस्त करने पर मध्यप्रदेश पेसा एक्ट संघ कमेंटी एवं जिला की पेसा कमेंटी के निर्देशानुसार सभी 89 ब्लाकों में 3 दिवसीय सामुहिक अवकाश रख अपनी मांगों को लेकर जनपद पंचायत सीईओ को मुख्यमंत्री के नाम पूर्व में ज्ञापन सौंपे गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 अक्टूबर 2023 को और वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 24 अक्टूबर 2024 को सार्वजनिक घोषणा करते हुए मोबिलाइजरों का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 8 हजार करने और अन्य सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया था। लेकिन, अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। महंगाई के इस दौर में इतने कम मानदेय पर गुजारा करना और घर चलाना मुश्किल हो गया है।
ग्रामीण पंचायतों में शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए मोबिलाइजर दिन-रात मेहनत करते हैं। बावजूद इसके, उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा।
मध्यप्रदेश में आदिवासी बड़े लंबे समय से पेसा एक्ट की मांग कर रहे थे। जो प्रदेश में 15 नवंबर 2022 को लागू किया गया है,
पेसा अधिनियम 1996 में पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तारित करने के लिए अधिनियमित किया गया था। इसमें एमपी सरकार ने कुछ संशोधन किए हैं। यह कानून देश में 24 दिसंबर 1996 को लागू किया गया था। एमपी के ही जनप्रतिनिधि दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में बनाई गई समिति की अनुशंसा पर एक्ट तैयार हुआ था। इसके बावजूद एमपी में 2022 को पेसा एक्ट क़ानून लागू हुआ।
इस कानून का उद्देश्य है कि अनूसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ग्राम सभाओं के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करना। यह एक्ट कानूनी रूप से आदिवासी समुदायों को स्वशासन की अपनी प्रणालियों के माध्यम से स्वयं को शासित करने के अधिकार को मान्यता देता है। यह प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को स्वीकार करता है। ग्राम सभाओं के पास ही विकास योजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार होता है। साथ ही सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अधिकार देता है। इस कानून के तहत ग्राम सभा की ताकत बढ़ जाती है। जल, जंगल, जमीन और संसाधन पर इनका अधिकार होता है। भूमि अलगाव को रोकेंगे। नशीले पदार्थों को नियंत्रित करना भी इनका काम होगा। इलाके में विकास कार्यों के लिए ग्राम सभा की मंजूरी जरूरी है। आदिवासियों पर केस करने से पहले पुलिस को ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गांवों के विवाद को ग्राम सभा स्तर पर सुलझाया जाएगा।
इसके साथ ही ग्राम सभाओं की शक्तियों में सांस्कृतिक पहचान और परंपरा का रखरखाव, आदिवासियों को प्रभावित करने वाली योजनाओं पर नियंत्रण रखना है। साथ ही गांव के अंदर प्राकृतिक संसाधनों पर भी नियंत्रण रखना है।इसके साथ ही बाहरी और आंतरिक संघर्षों के खिलाफ अपने अधिकारों और परिवेश के सुरक्षा तंत्र को बनाए रखने में सक्षम बनाता है। ग्राम सभा को अपने गांव की सीमा के भीतर नशीले पदार्थों के निर्माण, परिवहन, बिक्री और खपत की निगरानी के साथ निषेध करने की शक्तियां प्राप्त होंगी।
Author: papajinews
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