नई दिल्ली। काेराेना काल में शादियों का ट्रेंड ताे बदला ही है, मेहमानाें की सीमित संख्या की सरकारी गाइडलाइन के चलते नवाचार भी होने लगे हैं। 50, 100 या 200 मेहमान को बुलाने की बंदिशों की वजह से मेजबान नए सिरे से याेजना बना रहे हैं। सभी मेहमानों काे एक साथ नहीं बुलाकर अलग-अलग दिन विभिन्न रस्माें के लिए न्योता दिया जा रहा है।
इसके लिए बाकायदा कार्ड भी अलग-अलग छपवाए जा रहे हैं। इनमें बंदाेली, बारात और प्रीतिभोज के लिए अलग-अलग न्योते हैं, ताकि सबकी उपस्थिति अलग-अलग कार्यक्रमों में ही सही, लेकिन विवाह समाराेह में हाे जाए। सबसे बड़ा नवाचार शादी का लाइव टेलीकास्ट किया जाना है। जाे रिश्तेदार या परिचित ब्याह में शामिल नहीं हाे पा रहे हैं, उनके लिए आयाेजन का लाइव प्रसारण करवाया जा रहा है, ताकि वे घर बैठे ही शादी में शामिल हो सकें। इसके लिए कार्ड पर लाइव शादी का लिंक दिया जा रहा है। साथ ही कहा जा रहा है कि पासवर्ड शादी के लिए बनाए विशेष वॉट्सएप ग्रुप पर भेजा जाएगा।
वेडिंग प्लानर बताते हैं कि कोरोना के चलते शादियों में भले मेहमानों की संख्या सीमित की गई हाे, लेकिन इसे किस तरह खुशनुमा बनाया जाए, इसी साेच के साथ नए आइडिए ईजाद किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक लाइव स्ट्रीमिंग है। शादियों के सीजन में 50-60% लाेग इसकी मांग कर रहे हैं। जो लोग स्थानीय स्तर पर शादी कर रहे हैं, वे रिश्तेदारों के लिए खाने के पैकेट घर पहुंचाने की भी मांग कर रहे हैं।
सिनेमेटोग्राफर कमलेश सोनगरा ने बताया कि लाइव स्ट्रीमिंग डिवाइस से कैमरा जोड़कर शादी का लाइव प्रसारण होता है। लिंक व पासवर्ड पार्टी काे दिया जाता है। 60% शादी में ऐसे ऑर्डर आ रहे हैं। ऐसा बदलाव पहली बार है। ग्राफिक डिजाइनर राकेश पुरी के मुताबिक, इस बार एक ही शादी में दाे-तीन तरह के कार्ड छपवाए जा रहे हैं। उनमें आयोजन भी अलग-अलग लिख रहे हैं। टैग अलग से बन रहे हैं, जिसमें प्रीतिभोज की थाली का भी जिक्र है। केटरिंग का काम करने वाले सोहन सिंह ने बताया कि घराें तक भाेजन पैकेट भेजने की परंपरा काेराेना काल में शुरू हुई है। कैटरिंग के पैकेज के साथ घर-घर खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी भी दी जा रही है।