राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा चलाया जा रहा दाना-पानी अभियान
संवेदनशीलता मानव व्यक्तित्व का एक ऐसा सृजनात्मक पहलू है जो व्यक्ति को सामाजिक सरोकारो से जोड़कर रखता हैं। आज हमारे समाज मे भौतिकता की चकाचौंध में आकंठ डूबे सदस्यों को सोचना होगा कि मनुष्य जो परमेश्वर की श्रेष्ठ कृति हैं उसके अधिकारों से बढकर स्वयं के प्रति अधिक निष्ठा व समर्पण की आवश्यकता है। अपने कर्तव्य के प्रति सजग महाविद्यालय में पदस्थ डा० नीतू जायसमाल माहोरे जो पर्यावरण को स्वच्छ व समृद्ध करने के लिए सतत प्रयासरत रहती है,के मार्गदर्शन में महाविद्यालय परिसर में पक्षियों के दाना-पानी व्यवस्था अभियान चलाया जा रहा है ।
प्रो० जैसवाल माहोरे के इस अभिनव प्रयास से परिसर के प्रत्येक पेड़-पौधों पर स्वयंसेवियों द्वारा वेस्ट मटेरियल से बनाएँ आकर्षक पात्र
प्यासे पक्षियों के लिए न केवल पानी उपलब्ध करा रहे है बल्कि स्वयंसेवी छात्र-छात्राएँ अति सुन्दरपात्र बनाने की कला भी सीख रहे हैं, इससे समुचा परिसर के आकर्षण में भी इजाफा हुआ है।स्वयंसेवको द्वारा मिट्टी के सकोरों पर संदेश भी लिखे जा रहे है जिससे आम व्यक्ति भी प्रेरणा ले सकें।कार्यक्रम अधिकारी नीतू जायसवाल ने दाना पानी अभियान के उद्देश्य बताते हुआ कहा कि भीषण गर्मी में पानी के अभाव में हजारों पक्षी असमय कालकवलित हो जाते है अतः मानव का कर्तव्य है कि वे इनका ध्यान रखें।शासकीय महाविद्यालय शाहपुर के हरीतिमा क्लब के सहयोग से पक्षियों के लिए दाने पानी की व्यवस्था की जाती रहती है।प्रो नितेश पाल ने प्रकृति संरक्षण पर विद्यार्थियों को सम्बोधित किया एवं उन्हें पौधरोपण हेतु प्रेरित किया।प्राचार्य प्रो एम डी बाघमारे ने विद्यार्थियों के प्रयासों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए उन्हें अपने घरों और समाज मे भी ऐसी गतिविधियों को करने के प्रोत्साहन प्रदान किया। स्वयंसेवको द्वारा दाने-पानी के लिए सुंदर पात्र बनाकर जगह जगह रखे गए एवं पक्षियों के लिए घरौंदे,घोसलों का भी निर्माण किया गया।टीनू,गजेंद्र,ज्योति उइके,चंचल ठाकुर,सिया परते,अंकिता धुर्वे,अक्षय धोटे ,अनिल धुर्वे सहित 27 स्वयंसेवीयों ने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई।
Author: papajinews
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