कोलकाता। ममता बनर्जी की तृणमूल से इस्तीफे के एक दिन बाद ही शुभेंदु अधिकारी को केंद्र से Z कैटेगरी की सुरक्षा मिलने का फैसला हो गया। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से चर्चा के बाद शुभेंदु को बंगाल में Z सिक्योरिटी देने का फैसला लिया गया है। उन्हें बुलेटप्रूफ गाड़ी भी मिलेगी। बंगाल के बाहर उन्हें Y+ सिक्योरिटी कवर मिलेगा। इधर, प. बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने अधिकारी का इस्तीफा मंजूर करने से इनकार किया है।
विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा- मैंने शुभेंदु का इस्तीफा मंजूर नहीं किया। उनका इस्तीफा संविधान और विधानसभा के नियमों के मुताबिक नहीं भेजा गया है। उन्होंने निजी तौर पर मुझे इस्तीफा नहीं सौंपा। मुझे नहीं मालूम कि उनका इस्तीफा सही है या नहीं और उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है या नहीं। जब तक मुझे इस बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल जाती, उनका इस्तीफा मंजूर करना संभव नहीं है।
1-2 दिन में भाजपा जॉइन कर सकते हैं
ममता के करीबी रहे शुभेंदु ने बुधवार को विधायकी और गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वे पूर्वी मिदनापुर की नंदीग्राम सीट से विधायक थे। पिछले कुछ समय से पार्टी की लीडरशिप से दूरी बनाए हुए थे। शुभेंदु का जाना पार्टी के साथ ममता के लिए भी झटका है। 19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर जाएंगे। ऐसी अटकलें हैं कि इसी दौरान शुभेंदु भाजपा जॉइन कर सकते हैं।
शुभेंदु के परिवार का 80 से ज्यादा सीटों पर असर
शुभेंदु अधिकारी मिदनापुर जिले के बड़े नेता माने जाते हैं। उनका परिवार कई सालों से सियासत में है। शुभेंदु के पिता कांग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं। वे UPA सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे और अभी तृणमूल सांसद हैं। शुभेंदु खुद लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं।
पहली बार उन्होंने 2006 में विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव जीते। 2014 में भी अपनी सीट पर कब्जा जमाया। 2016 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर परिवहन मंत्री बने। शुभेंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस परिवार का 6 जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर असर है।