शाहपुर मे आंवला नवमी पर महिलाओं ने किया आंवले के वृक्ष का पूजन
आंवला नवमी के संदर्भ में शास्त्रों में वर्णन आता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की आंवला नवमी पर आंवले के वृक्ष का पूजन और उसके समीप किया गया जप ,ध्यान, सत्कर्म और भोजन का पुण्य लाभ अक्षय हो जाता है। इसे ध्यान रखते हुए मंगलवार के दिन शाहपुर पतौवापूरा नगर की महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर विधि विधान से पूजन अर्चन कर भोजन का भोग लगाकर भोजन ग्रहण किया। बताया जाता है कि धन की देवी महालक्ष्मी ने सबसे पहले आंवला के पेड़ की पूजा की थी, उन्होंने आंवला के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनाकर भगवान विष्णु एवं शंकर जी को कराया था। तभी से महिलाओं द्वारा अपने घर की सुख एवं समृद्धि के लिए आंवला नवमी पर पूजन किया जाता है। आंवला नवमी पर आंवले के वृक्ष के नौ परिक्रमा करने व आंवले के वृक्ष के दर्शन स्पर्श और पूजन से सैकड़ो गोदान का फल प्राप्त होता है आंवले को पृथ्वी का अमृत फल भी कहा जाता है।