नई दिल्ली/ पटना। अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रही जेडीयू के लिए यह अरुणाचल में एक बड़े झटके की तरह है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बिहार की राजनीति पर भी इसका असर होगा? हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से शुक्रवार को जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार दिया है।
शुक्रवार को पटना में नीतीश कुमार ने सिर्फ इतना ही कहा कि कल से हम लोगों का कॉन्फ्रेंस (राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक) है। इसके अलावा उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। बीजेपी के साथ जेडीयू सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि केंद्र की मोदी सरकार में भी शामिल है। नीतीश कुमार के बयान से स्पष्ट है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेडीयू इस मुद्दे पर चर्चा करेगी।
गौरतलब है कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा और बहुमत के साथ सरकार बनाई है, लेकिन पहले लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर जेडीयू के कुछ नेताओं के मन में बीजेपी के प्रति नाराजगी दिखी तो अब कैबिनेट विस्तार को लेकर भी काफी दिनों से बात अटकी हुई है। बिहार में इस बार नीतीश कुमार की पार्टी बीजेपी से पिछड़ गई है। ऐसे में तोलमोल की शक्ति जेडीयू की कुछ कम हो सकती है। लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि नीतीश को यह बात चुभी जरूर होगी और वह इसका बदला भी लेना चाहेंगे।
अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 7 विधायक थे। 6 विधायकों के पाला बदलने से सिर्फ एक विधायक ही पार्टी में बचा है। अरुणाचल विधानसभा द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार रमगोंग विधानसभा क्षेत्र के तालीम तबोह, चायांग्ताजो के हेयेंग मंग्फी, ताली के जिकके ताको, कलाक्तंग के दोरजी वांग्दी खर्मा, बोमडिला के डोंगरू सियनग्जू और मारियांग-गेकु निर्वाचन क्षेत्र के कांगगोंग टाकू भाजपा में शामिल हो गए हैं।
जेडीयू ने 26 नवंबर को सियनग्जू, खर्मा और टाकू को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उन्हें निलंबित कर दिया था। इन छह विधायकों ने इससे पहले पार्टी के परिष्ठ सदस्यों को कथित तौर पर बताए बिना तालीम तबोह को विधायक दल का नया नेता चुन लिया था। अरुणाचल प्रदेश के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बीआर वाघे ने कहा कि हमने पार्टी में शामिल होने के उनके पत्रों को स्वीकार कर लिया है।