भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of Corona) में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से एक भी मरीज की मौत ना होने के सरकारी दावे पर अब हाईकोर्ट ने भी हैरानी जताई है. जबलपुर हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि ये मानना आसान नहीं है कि प्रदेश में एक भी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई. हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी उन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए की जिनमें ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत पर सरकार से मुआवजा मांगा गया है.
जबलपुर हाईकोर्ट इसी साल अप्रैल महीने में अपने एक आदेश में प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से 77 मरीजों की जिले वार मौतें गिनवा चुका था. लेकिन बाद में राज्य सरकार ने कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए दावा किया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना के किसी मरीज की मौत नहीं हुई. ऐसे में आज जब ऑक्सीजन की कमी से मौतों पर मुआवजा देने का मुद्दा कोर्ट में उठा तो हाईकोर्ट ने सरकारी दावे पर हैरानी जताई है.
HC ने पूछा-सरकार अब क्या करेगी
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से मामले पर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब वो ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत ना होने का दावा कर चुकी है तो ऐसी मौतों पर मुआवज़े के आवेदनों पर वो क्या कदम उठाएगी. सुनवाई के दौरान यचिकाकर्ताओं की ओर से मांग की गयी कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौतों की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी या कमेटी से करवाई जाए.
हाईकोर्ट ने जवाब मांगा
बहरहाल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मामले पर जवाब मांगा है. ताकि इन मांगों पर कोर्ट आगे कोई फैसला ले सके. जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है. मामले पर अगली सुनवाई 6 सितंबर को की जाएगी.