नई दिल्ली। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने बुधवार को 2020 में हुए अपराधों का डेटा जारी किया है। इसके मुताबिक 2020 में हर रोज औसतन 80 मर्डर हुए। सबसे ज्यादा हत्या के मामले उत्तर प्रदेश में आए। कुल अपराधों की बात करें तो 2019 के मुकाबले 2020 में क्राइम रेट में 28% का इजाफा हुआ है। किडनैपिंग, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले कम हुए हैं। 2020 में देश में कुल 66,01,285 मामले दर्ज हुए। जो 2019 के 51,56,158 मुकाबले 14,45,127 ज्यादा हैं।
2019 के मुकाबले 1% बढ़े मर्डर के मामले
रिपोर्ट कहती है कि 2020 में देश में कुल 29,193 मर्डर हुए। यानी हर दिन औसतन 80 मर्डर। जो 2019 के 28,915 के मुकाबले 79 ज्यादा हैं। सबसे ज्यादा 10,404 लोगों की हत्याएं आपसी विवाद की वजह से हुईं, वहीं 4,034 हत्याएं पुरानी दुश्मनी की वजह से हुईं। सबसे ज्यादा हत्या के मामले उत्तर प्रदेश में आए। उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा हत्याएं बिहार (3,150), महाराष्ट्र (2,163), मध्य प्रदेश (2,101) और पश्चिम बंगाल (1,948) में हुई हैं।
राजधानी दिल्ली में पिछले साल 472 हत्याएं हुईं। जिन लोगों की हत्या हुई उनमें 38.5% की उम्र 30 से 45 साल के बीच थी, वहीं 35.9% की उम्र 18 से 30 साल के बीच थी। 16.4% की उम्र 45 से 60 साल के बीच थी, वहीं 4% ऐसे बुजुर्गों की हत्या हुई जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा थी।
देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,71,503 मामले दर्ज हुए। जो 2019 के 4,05,326 मामलों के मुकाबले 8.3% कम थे। इनमें सबसे ज्यादा 30% मामले पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता करने के थे। वहीं 23% मामले शील भंग करने के इरादे से महिलाओं पर हमला करने के थे। 16.8% मामले किडनैपिंग के तो 7.5% मामले रेप के थे।
बच्चों के खिलाफ अपराध के 42.6% मामले किडनैपिंग के
बच्चों के खिलाफ अपराध के देश में 1,28,531 मामले दर्ज हुए। जो 2019 के मुकाबले 13.2% कम हैं। बच्चों खिलाफ होने वाले अपराधों में सबसे ज्यादा 42.6% मामले किडनैपिंग के हैं। बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा मामले भी 38.8% दर्ज हुए।
दलितों के खिलाफ अपराध में 9.4% का इजाफा
2020 में दलितों के खिलाफ अपराध के कुल 50,291 मामले दर्ज हुए, जो 2019 के मुकाबले 9.4% ज्यादा हैं। इनमें 32.9% मामले मारपीट से आई साधारण चोट के थे। 8.5% मामले SC/ST एक्ट के थे।
आदिवासियों के खिलाफ अपराध में भी 9.3% का इजाफा
2020 में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के कुल 8,272 मामले दर्ज हुए। 2019 के मुकाबले आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 9.3% का इजाफा हुआ है।