भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा है कि यह काॅन्फ्रेंस कोई कर्मकांड नहीं है। हर माह एजेंडा दिया जाएगा। जिस पर काम करना होगा। उन्होंने दो टूक कहा- सुशासन का मतलब स्पष्ट तौर पर समझ लें कि बिना लेन-देन के समय पर जनता का काम करना है। शासन की सुविधाओं का लाभ हर हाल में नागरिकों को मिलना चाहिए। यह पिछली सरकार नहीं है। अब पोस्टिंग का आधार मेरिट होगा। मुख्यमंत्री ने यह बात कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में कहीं। बैठक में प्रदेश के सभी कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों के अलावा मुख्य सचिव सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फोकस एजेंडे पर काम करना है। रूटीन गवर्नेंस प्रभावित न हो, रोजमर्रा के काम ना रुकें। लोग परेशान ना हों। हर विभाग के काम जैसे चल रहे हैं, वैसे ही चलना चाहिए। आप कुर्सी पर बैठे हैं। टेबिल के उस पर के व्यक्ति के बारे में सोचिए। आप यह समझें कि आपके हाथ में आवेदन होता है तो कैसा होता? कई बार काम करने के लिए तरीके निकालने पड़ते हैं। आप की जिम्मेदारी शासन की योजनाओं को जमीन पर उतराने की है। इस काम काे प्राथमिकता से पूरा करना होगा।
CM के प्रतिनिधि होता है कलेक्टर
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में कलेक्टर, मुख्यमंत्री का प्रतिनिधि होता है। प्रदेश की जनता की सेवा करने की तड़फ जैसी मेरे दिल में है, वही आपको भी होना चाहिए। यदि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा हूं तो आप भी दें। मेरा किसी से कोई राग द्वेष नहीं है। जो अच्छा करेगा, उसे सराहा जाएगा। लेकिन जिस ने गलती की, उसे हटाने में देर नहीं होगी।
हर जिले की रेटिंग होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि काम के आधार पर हर जिले की रेटिंग होगी। इसके लिए डैशबोर्ड शुरु किया जा रहा है। यानी अब सरकार का हर काम परफॉर्मेंस बेस्ड होगा। आपको मौका मिला है जनता की सेवा करने का। एजेंडा के साथ काम करें और रूटीन गवर्नेंस को जनता की प्राथमिकता समझें।