उज्जैन. कोरोना के कारण हो रही मौत के बीच उज्जैन से एक दिल दहलाने वाली खबर आयी. यहां कोरोना कर्फ्यू के कारण बेरोज़गारी से जूझ रहे एक युवक ने आत्महत्या कर ली. युवक ऑटो चलाता था लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण काम धंधा बंद था. कर्ज लेकर नया घर बनवाया था उसमें दरारें पड़ गयी थीं और पत्नी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में थी.
उज्जैन थाना नागझिरी क्षेत्र के रिद्धि सिद्धि विहार कॉलोनी में रहने वाले वसंत राणावत ने बड़े वीभत्स तरीके से आत्महत्या कर ली. पहले उन्होंने रेडियम काटने वाले कटर से अपने दोनों हाथ काटे, फिर गले पर वार कर आत्महत्या कर ली. देर रात घटना की जानकारी पुलिस को मिली जिसके बाद अल सुबह पुलिस और एफएसएल की टीम ने पंहुचकर मौका मुआयना किया.
परिवार वालों ने बताया कि कई दिनों से बेरोजगारी और 22 लाख रुपए में ख़रीदे गए नए मकान में आयी दरार को लेकर वसंत काफी तनाव में रहता था. उन्होंने देर रात सब के साथ बातचीत की. खाना खाने के बाद सड़क पर कुछ देर टहला और बाद में कमरे में सोने चला गया. कुछ देर बाद घर वालों ने किसी काम के लिए आवाज़ दी तो कोई जवाब नहीं आया. उसके बाद दरवाजा तोड़कर देखा तो अंदर वसंत का रक्त रंजित शव जमीन पर पड़ा था. एडिशल एसपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल घटना की जांच कर रहे हैं. प्रथम दृष्टयता आत्महत्या का मामला दिख रहा है फिर भी अन्य पहलुओं पर भी जांच जारी है.
बंद पड़ा काम धंधा और मकान का कर्ज़
भाई आशीष सिसोदिया ने बताया कि 31 वर्षीय वसंत ने एक साल पहले बैंक से कर्ज लेकर 22 लाख रुपये में रिद्धि सिद्धि विहार कॉलोनी में नया घर बनवाया था. उसमें शिफ्ट होते ही नए घर के कई हिस्सों में दरार आने लगी जिसकी शिकायत कॉन्ट्रेक्टर से की गयी. वसंत घर बेचना चाहता था. इस बीच कोरोना कर्फ्यू के कारण ऑटो चलना बंद हो गया. काम धंधा बंद होने से वो तनाव में रहने लगा. संभवतः उसी परेशानी और तनाव में वसंत ने ये कदम उठाया.
पत्नी को निमोनिया
जब वसंत ने आत्मघाती कदम उठाया तब उसकी पत्नी उस घर में अलग कमरे में आईसोलेट थी. दरसल कुछ दिन से उसकी पत्नी को सर्दी खासी के लक्षण थे. जांच कराने पर उसे निमोनिया निकला. वसंत का दो साल का बेटा है जो अभी नाना के पास है. परिवार और दोस्तों का कहना है वसंत खुश मिजाज युवक था. लेकिन बेरोज़गारी, घर में दरार और पत्नी की बीमारी से वो परेशान हो उठा था.