उज्जैन। जहरीली शराब से 36 घंटे में 14 लोगों की मौत मामले में एसआईटी ने जांच शुरु कर दी है। कमलनाथ और कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर हो गई है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा – उज्जैन में ज़हरीली शराब से 14 की मौत, शिवराज आए, माफिया राज वापस लाए। वहीं कांग्रेस बोली- शिवराज के लौटते ही मध्यप्रदेश में फिर पनपने लगे शराब माफिया ने ज़हरीली शराब से उज्जैन के 14 गरीबों की जान ले ली है। शिवराज जी, आपकी सत्ता हवस ने मध्यप्रदेश को मृत्यु प्रदेश बना दिया। “शवराज चरम पर है”
तीन सदस्यीय टीम पहुंची जांच के लिए
जांच करने देर रात गृह विभाग के सचिव राजेश राजौरा, एडीजी एस के झा और रतलाम डीआईजी सुशांत सक्सेना उज्जैन पहुंचे। उधर, देर रात कलेक्टर ने जहरीली शराब बनाने वालों पर रासुका लगा दी। मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के लिए एसआईटी बनाई और अपर मुख्य सचिव गृह से रिपोर्ट मांगी है। 5 मेंबर वाली एसआईटी दो दिन बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके पहले गुरुवार को उज्जैन के एसपी ने खाराकुआं टीआई समेत 4 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया था।
देर रात तक 71 लोगों की गिरफ्तारी हुई
बुधवार को उज्जैन में 7 लोगों की मौत हुई थी। गुरुवार को भी यहां 7 लोगों की जान गई। एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि कुछ मामलों में यह साफ हुआ है कि जान जहरीली शराब पीने की वजह से हुई। इस शराब को यहां झिंझर कहा जाता है। पुलिस ने देर रात तक दबिश देकर मामले में शराब बनाकर बचने वाले यूनुस सहित 71 लोगों को गिरफ्तार किया। जबकि नगर निगम के अस्थाई कर्मचारी सिकंदर और गब्बर की तलाश जारी है। गिरफ्त में आए 49 आरोपी जहरीली शराब बनाने के काम में लगे हुए थे। पुलिस ने देर रात रीगल टॉकीज की छत से भी शराब बनाने का सामान जब्त किया।
8 मृतकों की ही हो पाई शिनाख्त
बुधवार को मजदूर और भिक्षावृत्ति करने वाले 7 लोगों की मौत हुई थी। गुरुवार को महाकाल थाना क्षेत्र के नृसिंह घाट, जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के गेबी हनुमान की गली और कोतवाली क्षेत्र में पांच लोगों की मौत होना सामने आया। मरने वाले आठ लाेगों की पहचान हो चुकी है, 6 अज्ञात हैं। पोस्टमार्टम के बाद विसरा जब्त कर जांच के लिए सागर भिजवाया गया है।