दुबई। चेन्नै सुपर किंग्स को इंडियन प्रीमियर लीग 2020 में लगातार दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा है। दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें 44 रन से हरा दिया। दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर 3 विकेट पर 175 का स्कोर बनाया। मैच की पहली पारी के बाद बढ़त चेन्नै को लग रही थी लेकिन उसके बल्लेबाज लगातार दबाव में आते गए और आखिर में टीम 7 विकेट पर सिर्फ 131 रन ही बना सकी। अभी हालांकि आईपीएल 2020 का शुरुआती चरण है लेकिन तीन बार की चैंपियन टीम की कुछ खामियां सामने नजर आने लगी हैं। टीम के सामने कुछ सवाल हैं जिनका जवाब उन्हें जल्दी ही तलाशना होगा।
ओपनर्स का लचर प्रदर्शन
धोनी ने मैच के बाद प्रजेंटेशन में कहा कि टीम को पारी की शुरुआत में दम दिखाने की जरूरत है। शेन वॉटसन और मुरली विजय की जोड़ी ने 4.2 ओवरों में सिर्फ 23 रन जोड़े। दोनों ही बल्लेबाज विकेट पर गेंद की रफ्तार के साथ तालमेल नहीं बैठा पाए। उनकी टाइमिंग नहीं बैठ रही थी। न तो दोनों बल्लेबाज बड़े शॉट खेल पा रहे थे और न ही आसानी से छोर ही बदल रहे थे। टीम की निर्भरता फाफ डु प्लेसिस पर बहुत ज्यादा हो गई है और उसे इस बारे में सोचना होगा। पावरप्ले में जहां दिल्ली ने 36 रन बनाए वहीं चेन्नै ने उन्हीं शुरुआती छह ओवरों में 34 रन के स्कोर पर दो विकेट खो दिए थे।
स्पिनर्स को नहीं भुना पाए
चेन्नै और दिल्ली के स्पिनर्स को देखें तो लगता है कि उन्होंने सबसे ज्यादा अंतर डाला। दिल्ली के दोनों स्पिनर्स अक्षर पटेल और अमित मिश्रा ने कसी हुई गेंदबाजी की और चेन्नै के बल्लेबाजों पर लगाम लगाए रखी। उन्होंने चेन्नै के बल्लेबाजों को हिट करने के लिए लेंथ और लाइन नहीं दी। पटेल ने चार ओवरों में 18 और मिश्रा ने 23 रन दिए। धोनी जो एक ट्रिक मिस कर गए कि बीच के ओवरों में जहां रुतुराज गायकवाड़ को बल्लेबाजी करने भेजा था उसके स्थान पर वह किसी बाएं हाथ के बल्लेबाज को भेज सकते थे। बाएं हाथ के स्पिनर पटेल और लेग स्पिनर मिश्रा के खिलाफ बाएं हाथ का बल्लेबाज अधिक प्रभावी साबित हो सकता था। धोनी के पास सैम करन और रविंद्र जडेजा जैसे बल्लेबाज थे।
अंत के लिए बहुत ज्यादा छोड़ना
चेन्नै को आखिरी 5 ओवर में करीब 80 रन चाहिए थे। चेन्नै की टीम कई बार ऐसा कमाल कर चुकी है और शायद दिल्ली का टीम प्रबंधन इस बात को अच्छी तरह जानता था कि धोनी इसे दोहरा सकते हैं। ऐसे में उन्होंने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में शुमार कगिसो रबाडा को बचाकर रखा। रबाडा ने धोनी को पहले भी परेशान किया है और इस मैच में उन्होंने दिखाया कि उनकी बोलिंग पर रन बनाने आसान नहीं हैं। वह सटीक लाइन और लेंथ के साथ रफ्तार का कॉम्बिनेशन लेकर उतरते हैं जो उन्हें काफी घातक बना देता है।
धोनी का बल्लेबाजी क्रम में नीचे आना
धोनी लगातार सातवें स्थान पर बल्लेबाजी करने आ रहे हैं। हालांकि उनका कहना है कि वह अभी एक्सपेरीमेंट कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने काफी समय से बल्लेबाजी नहीं की है। इन्हीं सब कारणों के चलते वह नीचे आ रहे हैं। पर धोनी जैसे बल्लेबाज के लिए इतना नीचे बैटिंग करना ठीक नहीं हैं। किसी भी लड़ाई को पीछे से लड़कर नहीं जीता जा सकता। धोनी ने कहा भी मिडल ऑर्डर में दम कम है तो ऐसे में उन्हें चाहिए कि खुद ऊपर आएं और जिम्मेदारी लें। रनों का पीछा करते हुए खास तौर पर चेन्नै को ऐसे खिलाड़ियों की दरकार है जो रनगति को बनाए रख सकें।
पहले गेंदबाजी चुनना
चेन्नै सुपर किंग्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। हालांकि धोनी का तर्क था कि बाद में ओस पड़ती है और ऐसे में बल्लेबाजी आसान हो जाती है। गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आती है। इसके अलावा सामने वाली टीम के स्पिनर्स के लिए गेंद को ग्रिप करना भी मुश्किल होता है। लेकिन दोनों मौकों पर यह दांव काम करता नजर नहीं आया। दिल्ली के स्पिनर्स ने न सिर्फ सटीक गेंदबाजी की बल्कि इतनी ओस भी नहीं पड़ी जो चेन्नै के बल्लेबाजों को मदद करे। बाकी उनकी टीम ने शुरुआत में ही इतना दबाव ले लिया कि रन बनाने उन्हें मुश्किल नजर आने लगे। इसके अलावा अगर आप अभी तक हुए सात मैचों को देखें तो सिर्फ पहले मैच (मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नै सुपर किंग्स) को छोड़ दें तो बाकी सभी मैचों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को ही जीत मिली है। यूएई में पिचें धीमी हैं और एक पारी के बाद उन पर स्ट्रोक खेलना और ज्यादा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अभी तक के हालात से पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ही फायदे में नजर आ रही है।