भोपाल। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक ने एक बयान में कहा कि अब लैपटॉप के नाम पर शिवराज सरकार बड़ा फर्जीवाड़ा करने जा रही है। इसकी खरीदी प्रक्रिया में जमकर अनियमितता है और इसको लेकर अजीबो-गरीब शर्त रखी गई है। सरकार 10 साल पुराने लैपटॉप खरीदने जा रही है। इनकी कीमत 20 हजार रुपए है, लेकिन सरकार यह 50 हजार रुपए में खरीदेगी।
प्रदेश के सभी पटवारियों को सरकार ने लैपटाॅप देने की योजना बनाई है। जिसके तहत कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। बाकायदा विभागीय आदेश जारी कर निर्देश दिया गया है कि 6वें जेनरेशन के प्रोसेसर वाला खरीदी लैपटॉप मान्य होगा। आश्चर्य की बात यह है कि इसकी अनुमानित कीमत सिर्फ 20 हजार है और सरकार इसके लिए 50 हजार का भुगतान करेगी। वर्ष 2012-2013 में इस जेनरेशन के लैपटॉप बनते थे। अब यह लैपटॉप कंपनियों ने बनाना बंद कर दिया है।
राजस्व विभाग ने टेंडर जारी किए
29 सितंबर को राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर लैपटाॅप खरीदी की शर्तें तय की हैं। जिसमें कहा गया है कि 6वें जेनरेशन के प्रोसेसर वाला लैपटाॅप या इसके समकक्ष मान्य है, जो अब बंद हो चुके हैं। मजे की बात है कि 8-10 साल पुराने लैपटाॅप की देखरेख भी 7 साल तय की गई है। यानि वर्षों पुराने प्रोसेसर के लैपटाॅप वर्ष 2020 में खरीदे जाएंगे और उनकी उम्र 7 सात तक वैध रहेगी।
जबकि मौजूदा समय पर आई-9 प्रोसेसर के लैपटॉप बाजार में बिक रहे हैं। खास बात है कि जैम के जरिए लैपटॉप खरीदा जाना था। मगर सरकार ने पटवारियों को खुद ही खरीदने के लिए कहा है। जानकारों का कहना है कि आई-5 के लैपटाप बाजार में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पुराने ही लैपटॉप की खरीदी होगी और भुगतान 50 हजार का।