शाहपुर- विभा फाउंडेशन के वित्तीय सहयोग से संचालित शाला सशक्तिकरण कार्यकम जिसके माध्यम से शाहपुर ब्लाक की प्राथमिक शालाओं में “बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान” तथा पुस्तकालय संवर्धन हेतु शिक्षा तंत्र के साथ मिलकर पहल की जा रही है । गौरतलब है कि जून माह में BRCC कार्यालय शाहपुर में 5 दिवसीय ब्लॉक मास्टर प्रशिक्षण आयोजित किया जा चुका है, जिसमें शाहपुर ब्लाक के सभी सातों क्लस्टर से कुल 14 शिक्षक शामिल रहे थे । इसके पश्चात एकलव्य टीम के साथियों ने पिछले 2 माह में लगभग 80 स्कूलों में तीन दिवसीय केम्पों का आयोजन किया। प्रत्येक शालाओं में बाल साहित्य की किताबें प्रदाय की गयी है। केम्प के दौरान सभी शालाओं में स्त्रोत बच्चों का चयन कर समूह बनाए गए है जो अपने अन्य सहपाठियों की आपस में मदद कर सकेंगे, वहीं पुस्तकालय के प्रबंधन का काम यही बच्चे करेंगे। इन केम्पों में आयोजित गतिविधियों में शिक्षकों का भी विशेष योगदान रहा।
केम्प के माध्यम से एकलव्य संस्था का उदृदेश्य है कि ग्रामीण अंचल में रहने वाले बच्चों झिझक दूर की जा सके, उनकी लीडरशिप को बढ़ावा मिले और आपस में सीखने-सिखाने की संस्कृति को विकसित हो जिससे कि स्कूल एवं समुदाय में एक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के प्रयासों को बढ़ावा मिल सके। स्कूलों के बच्चे किताबों से जुड़ाव एवं रख-रखाव कर सके, पुस्तकालय से सीखने की पहल को समझ सकें। वह पठन संस्कृति से अलग-अलग कौशलों को विकसित कर सकें, पुस्तकालय के महत्त्व को समझें, बच्चों में पढ़ने की संस्कृति (रीडिंग कल्चर) को बढ़ावा मिले, अपनी पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी बच्चों को अच्छा बाल साहित्य सहजता के साथ उपलब्ध हो, जिसमें कविताएं, कहानियॉं, गणित, भाषा व विज्ञान के खेल व गतिविधियॉ, एवं देश दुनिया की विविध जानकारी मिल सके। बच्चें स्वतंत्र पाठक बन सकें, एवं किताबों से गहरा जुड़ाव बना सके।
एकलव्य के साथी खेमप्रकाश यादव व श्रीकांत ने बताया कि फिलहाल इस कार्यक्रम के अंर्तगत संस्था के द्वारा अभी स्कूलों में गतिविधि आधारित शिक्षण जिसमें TLM के माध्यम से गणित संख्या ज्ञान एवं संक्रिया, संख्या बूझो, स्थानीयमान कार्ड से गतिविधि एवं भाषा में स्वतंत्र पठन, जोड़ों में पठन, कहानी से नाटक बनाना व प्रस्तुत करना, कहानी का वाचन करना, पढ़ी हुई कहानी साझा करना, सवाल-जवाब करना, बुक कवर बनाना, और स्वतंत्र चित्रकारी करना,बूझो तो जाने, बाल अखबार बनाना आदि गतिविधियाँ करायी जा रही है।
Author: Sanjay Kumar Gupta
SANJAY KUMAR GUPTA