लखनऊ. संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ में बीजेपी के बड़े नेताओं और मंत्रियों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने नेताओं और संगठन के लोगों से सरकार के कामकाज के बारे में चर्चा की. बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बी एल संतोष(BL Santosh) के उत्तर प्रदेश दौरे से लौटने के बाद स्टेट बीजेपी(BJP) यूनिट समेत मंत्रियों की भी निगाहें अब दिल्ली पर लगी हुई है. बी एल संतोष ने लखनऊ में तीन दिन तक बैठक की. राष्ट्रीय महामंत्री और यूपी बीजेपी प्रभारी राधामोहन सिंह ने मंत्रियों, संगठन के पदाधिकारियों, कुछ विधायकों और मीडिया टीम से मुलाकात की थी.
यूपी बीजेपी के लखनऊ कार्यालय में संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री बी एल संतोष ने तीन दिन बैठक की. बैठक के हर नेता या मंत्री ने यही कहा कि कोरोना प्रबंधन और जमीनी काम पर बात हुई. पदाधिकारियों ने कहा कि सेवा ही संगठन कार्यक्रम पर चर्चा हुई, लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं हुई. केंद्रीय संगठन मंत्री ने लगभग सोलह मंत्रियों से मुलाकात की जिसमें जयादातर ऐसे थे जो मुखर और नाराज रहते हैं. दोनों डिप्टी सीएम से मुलाकात हुई.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की सरकार से नाराजगी
यूपी की सियासत में केशव प्रसाद मौर्या योगी सरकार के कई फैसलों में रज़ामंद नहीं माने जाते रहे हैं. वहीं डिप्टी सीएम होने के बावजूद दिनेश शर्मा को उतना महत्व कभी नहीं मिला जितना केशव को मिलता है. सिद्धार्थनाथ सिंह पहले से कम महत्वपूर्ण विभाग मिलने की टीस और बयानबाज़ी दोनों से चर्चा में रहते हैं. स्वाति सिंह भी अक्सर विवादों में रहती है. जानकारी के मुताबिक कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कोरोना काल में जिस तरह कार्यक्रम चलाये और लोगों की मदद की उसकी सबने तारीफ़ की.
संगठन की शिकायत- नहीं होती सरकार में सुनवाई
परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने मुद्दा रखा की अधिकारी मनमानी करते हैं. श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या भी कम महत्व वाल मंत्रिमंडल पाकर खुश हैं. जबकि चर्चा में रहने वाले बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी को भी लगता है कई फैसलों में उनको तवज्जों नहीं मिलती है. बैठक में संगठन की तरफ से भी शिकायत की गई. कार्यकर्ता और दर्जाधारियों ने कहा कि बड़े अधिकारियों की बात छोड़िये लेखपाल और थानेदार भी उनकी नहीं सुनता है. सरकार की तो बात ही अलग है. कई प्रकोष्ठ खाली है यहां तक की नए प्रवक्ताओं की नियुक्ति तक नहीं की गई.
केंद्रीय नेतृत्व को सौपेंगे फीडबैक
राजनीति के गलियारों में तो यहां तक चर्चा है की प्रदेश में जनता से जुड़े सीधे महकमों का फीडबैक ही लेना होता तो कृषि मंत्री, पंचायती राज मंत्री, ग्रामविकास मंत्री, गन्ना मंत्री, नगर विकास मंत्री से मुलाकात नहीं की. सिर्फ उन्ही मंत्रियों से मुलाकात की जो सरकार के रवैय्ये या तवज्जो न मिलने से नाराज़ थे.माना जा रहा है कि दिल्ली लौटने पर केंद्रीय नेतृत्व को फीडबैक सौपेंगे, जिस पर एक दो दिन में कुछ कार्यवाही हो सकती है. जिसके बाद कई नेताओं और मंत्रियों की नजरें अब दिल्ली पर लगी हुई है.