इंदौर। इंदौर में सराफा कारोबारी के बेटे की एक सूदखोर ने जान ले ली। सूदखोर ने कारोबारी के बेटे को दिनदहाड़े अपने चार दोस्तों की मदद से कार में किडनैप कर लिया था। शहर की सड़कों पर घूमाते रहे और पीट-पीट कर हत्या कर दी। हत्या के पीछे लेन-देन की बात सामने आई है। युवक के भाई की माने तो सूदखोर ने किसी तीसरे व्यक्ति को डेढ़ लाख रुपए दिए थे, जिसकी गारंटी उसके भाई ने दी थी। बस उसी रुपए के लिए उसने भाई का किडनैप किया था। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मौत के बाद आरोपी उसे कार में लेकर रात भर घूमते रहे। सुबह सड़क किनारे लाश फेंक कर भाग निकले।
व्यंकटेश नगर निवासी अरविंद सोनी पुत्र दिनेश सोनी (39) पहले तेजाजी नगर बायपास पर ढाबा चलाता था। लेकिन लॉकडाउन में आर्थिक स्थिति बिगड़ने पर वह अभी कालानी नगर में औषधि भंडार पर काम करता था। उसके भाई अभिषेक और पिता दिनेश का सराफा में कामकाज हैं। साथ ही पिता प्रॉपर्टी ब्रोकर भी हैं। भाई ने ही एरोड्रम थाने पर शुक्रवार शाम को अरविंद की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। उसने पल्हर नगर में रहने वाले ब्याज का काम करने वाले कृष्णा मालवीय पर आशंका जताई थी। अगले दिन सनावदिया के पास अरविंद का शव मिला है। उसके शरीर पर मारपीट के काफी निशान थे। काफी खून भी निकला था।
जेब में सिम मिली तो दूसरे फोन में सिम डाल किया काॅल
खुडै़ल पुलिस के एएसआई विक्रम सिंह सोलंकी के अनुसार शनिवार सुबह 9.30 बजे तक को घटनास्थल पर कोई नहीं था। सड़क किनारे तो आवाजाही थी, लेकिन 10 बजे बाद सूचना आई कि कोई शव पड़ा है। देखते ही समझ आ गया कि किसी ने उसकी हत्या की है। उसे बेरहमी से पीटा गया है। ऐसा लग रहा है कि उसे रस्सी से भी बांधकर घसीटा और फिर फेंकने में भी उसे चोट लगी है। उसके प्राइवेट पार्ट पर भी वार किया था, इसलिए कपड़े पर खून भी लगा था। उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी, तभी उसकी जेब से एक सिम मिली। उसे एक मोबाइल में लगाया और कुछ नंबर मिले। इसी में से अरविंद के भाई का नंबर मिला। उसे कॉल किया और फिर अरविंद की तस्वीर भेजी। वह पहचान गया। माना जा रहा है कि उसकी रात में ही पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या की गई है और उसके बाद रातभर शव को लेकर घूमते रहे। फिर सुबह उसे फेंक दिया है।
रिश्तेदारों का कहना है कि अरविंद ने तेजाजी नगर में ढाबा डाला था। वह भी किराए पर था। यदि कृष्णा से पैसे लिए भी होंगे तो 2-3 लाख से ज्यादा तो नहीं लिए होंगे। फिर वह इतना दबाव क्यों डाल रहा था। अऱविंद के परिजन को इसकी जानकारी थी कि कृष्णा को पैसे देना है, लेकिन यह नहीं पता था कि वह हत्या कर देगा। कृष्णा के साथ और भी आरोपी हैं, उन्हें भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उधर, भाई अभिषेक का कहना है कि कृष्णा से उधार नहीं लिए थे। अरविंद के किसी दोस्त ने पैसे लिए थे, जिसकी गारंटी ली गई थी। वह तो भाग गया और कृष्णा अरविंद के पीछे लग गया। पता चला है कि मृतक का एक 13 साल का बेटा है।