भोपाल. कर्ज में डूबी शिवराज सरकार फिर एक हजार करोड़ का कर्ज़ लेने जा रही है. यह इस नए साल का पहला कर्ज़ होगा. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि कर्ज़ लेना एक निरंतर प्रक्रिया है क्योंकि चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, आपदा जैसी चीजों पर खर्च होता है. हमारी सरकार किसानों , गरीबों और आम आदमी सभी का ध्यान रखती है. कई जन हितैषी योजना हम चला रहे हैं. बजट में सभी का ध्यान रखा जाएगा. संबल जन हितैषी योजना है. इससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक को लाभ पहुंचेगा.
2 लाख 8 हजार करोड़ का कर्ज़
कर्ज़ लेने का ये पिछले साल अप्रैल से लेकर अब तक 18वां मौका है. इससे पहले 20 दिसंबर को 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज खुले बाजार से लिया गया था. बीजेपी सरकार अपने 10 माह के कार्यकाल में 17,500 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है. इस तरह मप्र सरकार पर कुल कर्ज का बोझ 2 लाख 8 हजार करोड़ रुपए हो चुका है. सरकार मार्च 2021 तक 1373 करोड़ रुपए का कर्ज और ले सकती है. वित्त विभाग ने 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. मध्य प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार ने एक माह पहले खुले बाजार से 2,373 करोड़ का अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दे दी है. हर साल राजस्व में 10 से 12% की वृद्धि की जाती है, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य को करीब 7 हजार करोड़ रुपए कम राजस्व मिला है. इसी तरह केंद्र से जीएसटी में राज्य की हिस्सेदारी का 6900 करोड़ रुपए कम मिला है.