इंदौर। शहर में बुधवार को कोरोना मरीजों का आंकड़ा 50,332 पर पहुंच गया। कोराना पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन ने आम लोगों पर तमाम पाबंदियां लागू कर रखी हैं। इनमें शादी समारोह में कितने लोग शामिल होंगे कि सूचना थाने पर देने से लेकर बाजार बंद होने का समय, रात का कर्फ्यू, स्कूल-कॉलेज, कोचिंग तक पर पाबंदियां शामिल है।
इसके विपरीत दशहरा मैदान पर हुए भाजपा के किसान सम्मेलन पर किसी तरह की पाबंदी नजर नहीं आई। 22 नवंबर को जारी कलेक्टर के आदेश के अनुसार सभी प्रकार के धरना, प्रदर्शन और रैलियों पर रोक है, उसके बाद भी न सिर्फ इस आयोजन की अनुमति दी गई, बल्कि उसमें कोरोना प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पर किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं की गई।
सम्मेलन में हजारों की भीड़ थी, लेकिन न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया, न ही मास्क का। यहां तक कि मंच पर बैठे नेताओं में से भी ज्यादातर ने मास्क उतार रखे थे। भाजपा ने घोषणा की है कि वह कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्रदेश से एक लाख ट्रेक्टर पर 4 लाख किसानों को दिल्ली लेकर जाएगी।
अब कांग्रेस विरोध में सम्मेलन करेगी
भाजपा के सम्मेलन के बाद कांग्रेस नेता कृषि बिल के विरोध में किसान सम्मेलन करने की तैयारी कर रहे हैं। पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने सम्मेलन की मंजूरी देने पर आपत्ति लेते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से लोग परेशान हैं। ऐसे में बीच शहर में भीड़ एकत्र करने की अनुमति प्रशासन ने कैसे दे दी? अब कांग्रेस भी किसान सम्मेलन कर कृषि बिल का विरोध करेगी।