भोपाल। कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में आर्थिक संकट लगातार गहराता जा रहा है। शिवराज सरकार 30 दिन में चौथी बार बुधवार को बाजार से 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इससे पहले 7, 13 और 21 अक्टूबर को सरकार बाजार से 1-1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। शिवराज सरकार अपने 7 माह के कार्यकाल में 9वीं बार कर्ज ले रही है। वित्त विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 4 अक्टूबर को 20 साल के लिए एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की प्रक्रिया पूरी की गई है। सरकार के इस फैसले पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी से सरकार को आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि “इससे पता चल रहा है कि हमारा प्रदेश कहां जा रहा है। सरकार ने हर नागरिक पर 34 हजार रुपए का कर्ज लाद दिया है।”
पटवारी ने कहा कि चुनाव के दाैरान दाेनाें पार्टियों ने अपनी-अपनी बातें रखीं। अब जनादेश पेटियों के भीतर है। जो निर्णय होगा, हमें मंजूर होगा। आशा है, लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ आपका मत रहा होगा। मप्र में आर्थिक स्थिति ऐसी है कि शिवराज सिंह चौहान ने एक हजार करोड़ रुपए का फिर से कर्ज लिया है। मैंने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि पिछले 7 महीने में 9 बार कर्ज लिया, अब तक 10500 कराेड़ रुपए का कर्ज लिया है। पिछले 15 साल के इनके कार्यकाल की बात करें, तो शिवराज सरकार ने 2 लाख 5 हजार 993 करोड़ रुपए कर्ज लिया है। ऐसे में प्रदेश के हर नागरिक पर सरकार ने 34 हजार रुपए का कर्ज लाद दिया है।
बजट का 15 फीसदी पैसा ब्याज में जा रहा
यदि ऐसे ही आर्थिक हालात बदतर होते रहे, तो आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का क्या होगा। आपको यह पता होना चाहिए कि हम इस कर्ज का करीब 16 हजार करोड़ प्रतिवर्ष ब्याज देते हैं। बजट का 15 फीसदी से ज्यादा हमारा ब्याज पर जाता है। मप्र में 40 साल के नीचे वाले युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। बच्चे को मुश्किलों से पढ़ाने के बाद नौकरी नहीं मिलने पर माता-पिता की मानसिक हालत बदतर हो रही है। मप्र में बेरोजगारी और किसानों की समस्या को लेकर रोज आत्महत्याएं हो रही हैं। प्रदेश में करीब डेढ़ लाख सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं। छह महीने से स्कूल शिक्षा विभाग, नगरीय निकायों में वेतन नहीं बंटा है। ये लोग पेट्रोल डीजल में टैक्स बढ़ाकर इस भार को कम करने की कोशिश में हैं।
विकास कार्यों के लिए कर्ज लिया गया
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि सरकार की माली हालत पहले से ही खराब थी। कोरोना के कारण सरकार के राजस्व में भारी कमी आई है। जीएसटी में लगातार कमी के कारण सरकार की आर्थिक संकट की स्थिति में है। सरकार पर जनवरी से अब तक 22 हजार करोड़ का कर्ज बढ़ा है। केंद्र से 4440 करोड़ का अतिरिक्त कर्ज लेने की पात्रता मिली है। नोटिफिकेशन के मुताबिक सरकार विकास कार्यों के लिए यह कर्ज लिया है।
ब्याज पर 15 हजार करोड़ रुपए खर्च
मध्य प्रदेश सरकार सिर्फ ब्याज पर ही करीब 15 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही हैl 2017 में यह ब्याज 12695 करोड़ों रुपए था, जो 2018 में 14432 करोड रुपए हो गयाl जबकि 2019 में 13751 करोड रुपए तथा 2020 में यह बढ़कर 16460 करोड़ रुपए होने की उम्मीद हैl