बोई फसल पर कराया नगर परिषद के कचरा घर के लिए सीमांकन

बोई फसल पर कराया नगर परिषद के कचरा घर के लिए सीमांकन

पेसा एक्ट की मीटिंग में लिया कचरा घर पंचायत सीमा से बाहर बनाने का प्रस्ताव

शाहपुर। तहसील के ग्राम सिलपटी में राजस्व विभाग व नगर परिषद के कर्मचारी द्वारा बिना सूचना दिए किसानों की बोई फसल पर ट्रैक्टर चला कर नगर परिषद के कचरा डंपिंग पॉइंट के लिए सीमांकन करने का आरोप लगाया गया है। किसानों का कहना है कि वे कई वर्षों से इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं और तहसील कार्यालय में नियमित रूप से जुर्माना भी जमा कर रहे हैं। बिना सूचना के किसानों की बोई फसल पर ट्रैक्टर चला कर नगर परिषद के कचरा डंपिंग पॉइंट के लिए सीमांकन करने का आरोप लगाया। जिससे किसानों की कुछ फसल नष्ट हुई है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने एसडीएम को आवेदन देकर ग्राम के आठ किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार, 25 जुलाई को लगभग 2:30 बजे, राजस्व विभाग व नगर परिषद की टीम ने बिना किसी पूर्व सूचना के आदिवासी किसानों की बोई फसल पर ट्रैक्टर चलाकर कर नगर परिषद के कचरा डंपिंग पॉइंट के लिए सीमांकन करने का आरोप लगाया । इस घटना से किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामवासियों का कहना है कि वे वर्षों से इस जमीन पर खेती कर रहे हैं और इसका जुर्माना भी विगत 13 वर्षों से नियमित रूप से भरते आ रहे हैं।

ग्रामवासियों की मांग:

ग्रामवासियों ने एसडीएम को दिए अपने आवेदन में मांग की है कि बिना सूचना के उनकी फसल नष्ट सीमांकन करने के लिए मुआवजा दिया जाए। ग्राम सिलपटी के रामचरण धुर्वे, मोनू धुर्वे, राधे, रामभरोस ,राम नारायण, सुदेश उइके, अर्जुन कजोडे, सकल उईके, शिव नारायण धुर्वे,रामचरण धुर्वे, मोनू धुर्वे, मनोहर मोती, हप्पू श्यामलाल धुर्वे, सुखचरण रमसा धुर्वे, समल छतन उइके, शेखराम मंगू उइके, रामचरण रब्बू धुर्वे, गब्बर रब्बू धुर्वे, राम नारायण कहार, दुर्गेश कहार, रामभरोस कहार का कहना है कि राजस्व विभाग का यह कदम न केवल अनुचित है बल्कि किसानों की आजीविका पर भी एक बड़ा हमला है। इस घटना के बाद ग्रामवासियों ने पेसा एक्ट की बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से निर्णय लिया ग्राम सिलपति में कहीं भी कचरा घर ना बनाया जाए।

पेसा एक्ट का उल्लंघन

ग्राम सभा की बैठक में पेसा एक्ट के तहत यह बात भी मानी गई कि किसानों द्वारा वर्षों से इस जमीन पर खेती की जा रही है और इसका जुर्माना भी नियमित रूप से भरा जा रहा है। पेसा एक्ट के अनुसार, ग्राम सभा की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार की कार्रवाई करना गैरकानूनी है। इस मामले में ग्राम सभा की समिति ने नगर परिषद शाहपुर के कचरा डमपॉइंट को ग्राम पंचायत सीमा के बाहर कहीं भी बनाया जाए।

किसानों की स्थिति

इस घटना से प्रभावित किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। उनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी और अब खेती की जमीन पर नगर परिषद शाहपुर का कचरा घर बनने से उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी। यह मामला न केवल किसानों के अधिकारों का हनन है बल्कि नगर परिषद की लापरवाही और असंवेदनशीलता का भी प्रतीक है। आवश्यक है कि इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए ताकि उनकी आजीविका सुरक्षित रह सके।
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Author: papajinews

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