जयपुर। राजस्थान भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी नेता एकजुट होने लगे हैं। ये विरोधी नेता अब आपसी मतभेद भुलकर एकजुट होकर वसुंधरा राजे को चुनौती देने की तैयारी में जुटे हैं। इन नेताओं में शनिवार को पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी भी शामिल हो गए। तिवाड़ी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे हैं। वे छह बार विधायक रहने के साथ ही दो बार राज्य सरकार में मंत्री रहे। तिवाड़ी के बाद अब पूर्व मंत्री सुरेंद्र गोयल के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण गोयल ने भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
तब जब्त हो गई थी जमानत
40 साल तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रदेश में भाजपा के संस्थापकों में शामिल रहे तिवाड़ी ने वसुंधरा राजे से मतभेद के कारण साल, 2018 में भाजपा छोड़कर भारत वाहिनी नाम से नई पार्टी बनाई थी। उन्होंने सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था, हालांकि उनकी जमानत जब्त हो गई थी। इसके बाद साल,2019 में लोकसभा चुनाव के समय वे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। करीब दो साल तक दो साल तक अलग रहने के बाद शनिवार को तिवाड़ी एक बार फिर भाजपा में वापस शामिल हो गए।
उस समय जो भी मुद्दे थे, वह खत्म हो चुके हैं
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। भाजपा में शामिल होने के मौके पर पत्रकारों से से बातचीत में तिवाड़ी ने कहा कि मैंने कभी भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण ही नहीं की। मेरे मन में हमेशा से भाजपा ही रही है। मैं शुरू से ही संघ से जुड़ा रहा हूं। वहीं, वसुंधरा राजे के विरोध से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि उस समय जो भी मुद्दे थे, वह खत्म हो चुके हैं। तिवाड़ी ने कहा कि उनका चुनाव लड़ने का अभी कोई इरादा नहीं है। वे अब पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं।