भोपाल. भोपाल के ज़िला अस्पताल जेपी हॉस्पिटल में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां कोविड वॉर्ड (Covid 19 ) में भर्ती कराए गए एक होमगार्ड जवान का शव (Deadbody) 24 घंटे तक बाथरूम में पड़ा रहा और अस्पताल स्टाफ ने देखा तक नहीं. परिवार के लोग अपने बेटे को तलाशते हुए पुलिस तक पहुंच गए. मामले की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की कमेटी बना दी गयी है. साथ ही स्टाफ नर्स सहित तीन लोगों के खिलाफ एक्शन लिया गया है.
आबकारी विभाग में पदस्थ होमगार्ड जवान पुष्पराज गौतम को भोपाल के जे पी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोविड वैक्सीन लगने के दो दिन बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी थी. पेट फूलने और दर्द होने पर परिवार ने उन्हें शनिवार को यहां भर्ती कराया था. लेकिन रविवार रात 8 बजे के बाद परिवार से उनका संपर्क नहीं हो पाया. वो अचानक लापता हो गए. दिनभर खोजने के बाद पिता ने सोमवार शाम हबीबगंज थाने में पुष्पराज की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. और अब 24 घंटे बाद मंगलवार शाम बाथरूम में उनकी लाश मिली.
गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद तलाश
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने तलाश शुरू की तो मंगलवार शाम पुष्पराज की लाश वार्ड के बाथरूम में पड़ी मिली. इससे पूरे अस्पताल में सनसनी फैल गई. जवान की मौत कैसे हुई, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो सका है. पुष्पराज के परिवार वाले लगातार दावा कर रहे थे कि उनका बेटा अस्पताल से बाहर नहीं गया है. इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन ने उन्हें अस्पताल में ढूंढ़ने की कोशिश नहीं की.
पुलिस का बयान
पुलिस के मुताबिक पुष्पराज सिंह गौतम होमगार्ड में जवान थे. उन्हें कुछ दिन पहले ही कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया गया था. इसके दो दिन बाद उन्होंने स्वास्थ्य खराब होने की शिकायत की थी. शनिवार को उन्हें जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भर्ती के दौरान उनकी कोरोना की रैपिड एंटिजन जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी. उसके बाद उन्हें कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती कर आरटी-पीसीआर तकनीक से जांच के लिए सैंपल लिए गए थे. लेकिन इसकी रिपोर्ट आने के पहले ही रविवार रात आठ बजे के करीब वह गायब हो गए. परिवार ने खोजबीन करने के बाद सोमवार शाम को हबीबगंज थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस के मुताबिक पुष्पराज कमला नगर में रहते थे. रविवार रात में करीब साढ़े आठ बजे के बाद से वह जेपी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से अचानक गायब हो गए थे. उनका मोबाइल भी बिस्तर पर ही था.
स्टाफ पर कार्रवाई
इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने एक्शन लिया है. लापरवाही करने पर सिस्टर इंचार्ज शामली वर्गीस, स्टाफ नर्स शीला श्रीवास्तव और मेट्रन सरोज मीना श्रीवास पर कार्रवाई की गयी है. इस मामले की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की कमेटी बना दी गयी है. इसमें डॉक्टर वी के दुबे, एम एस खान और डॉ यूडी सक्सेना को शामिल किया गया है.