जयपुर। बर्फानी बाबा महाराज बुधवार देर रात अहमदाबाद में ब्रह्मलीन हो गए। गुरुवार को उनकी पार्थिव देह मेहंदीपुर बालाजी स्थित आश्रम में लाई गई। यहां शुक्रवार को आश्रम में उनको समाधि दी जाएगी। बर्फानी बाबा के अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आश्रम पहुंचे हैं। बाबा के कुछ भक्तों का दावा है कि कुछ दिन पहले ही बाबा ने अपना समाधि स्थल मेहंदीपुर बालाजी में बनाने के लिए कहा था। यहां उनका आश्रम भी है।
भक्तों का दावा- 150 साल थी उम्र
बर्फानी दादा के भक्तों का दावा है कि उनकी उम्र करीब 150 साल थी। उन्होंने कुंडलिनी जागरण में सिद्धी पा रखी थी। 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय बर्फानी बाबा मानसरोवर में साधना कर रहे थे। जिसके बाद युद्ध के अशांत माहौल को छोड़कर हरिद्वार आ गए थे। जहां से अमरकंटक पहुंचे और फिर वहां साधना की।
अनुयायियों का दावा- पहले भी शरीर छोड़ चुके हैं बाबा
अनुयायियों का दावा है कि बाबा पहले भी अपना शरीर छोड़ चुके हैं। इसके बाद वे नए शरीर में फिर से प्रकट होते हैं। कुंडलिनी जागरण के जरिए ही उन्होंने ये सिद्धी प्राप्त की है। इंदौर के मालवीय नगर में भी बर्फानी धाम की स्थापना की गई। जहां हर साल शरद पूर्णिमा पर हजारों अस्थमा रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है।