अलवर। अलवर के शाहजहांपुर खेड़ा हरियाणा बॉर्डर पर गुरुवार दोपहर ट्रैक्टरों पर सवार कुछ किसान पुलिस के बैरियर तोड़कर दिल्ली की ओर कूच कर हरियाणा में घुस गए। हरियाणा पुलिस के जवान जब तक किसानों को रोकते तब तक 10 से 15 ट्रैक्टर बॉर्डर से आगे निकल गए। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस छोड़ी। इसमें कई किसान चोटिल हो गए। बाद में किसान नेताओं ने सबको शांत कराया। उन्होंने कहा किसान शांतिपूर्वक ही आंदोलन को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इधर, हरियाणा सीमा में घुस चुके 10 से 15 ट्रैक्टर चालकों को हरियाणा पुलिस ने बावल में रोक रखा है। कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया है।
गुरुवार दोपहर करीब डेढ़ बजे 10 से 15 ट्रैक्टर लेकर किसान एक साथ हरियाणा पुलिस की तरफ से बॉर्डर पर लगाए गए बैरियर हटाते हुए आगे निकल गए। कुछ सर्विस लेन की ओर से आगे बढ़ गए। काफी किसान एक साथ ट्रैक्टर लेकर आगे निकले तो पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और हल्का बल प्रयोग करके प्रदर्शनकारी किसानों को खदेड़ा। इसमें कई किसानों को चोट आई है। हालांकि बाद में काफी किसानों के ट्रैक्टरों को रोक दिया गया। मुश्किल से 10 से 15 ट्रैक्टर ही जा सके। आगे चलकर पुलिस ने उनको भी रोक दिया।
किसान नेताओं ने संभाला मोर्चा
इस घटनाक्रम से वहां हलचल मच गई। पीछे करीब दो किलोमीटर दूर तक के किसान बॉर्डर पर आ गए। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान जुट गए। बाद में किसान नेता रामपाल जाट सहित अन्य ने उनको संभाला। यह भी कहा कि वे शांतिपूर्वक आंदोलन चाह रहे हैं। कोई भी जबरदस्ती करते हुए आगे नहीं जाएगा। इसके बाद किसान वहां बैठ गए।
शाहजहांपुर- खेड़ा बॉर्डर पर 12 दिसंबर से किसान आंदोलनरत हैं। बॉर्डर पर हाइवे पर ही डटे हैं। हाइवे पर दो किमी तक किसान तंबू लगाकर किसान पड़ाव डाल चुके हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। तभी आंदोलन खत्म करेंगे। लेकिन, सरकार कानून वापस लेने काे तैयार नहीं है। इस कारण किसान दिल्ली कूच करना चाहते हैं। लेकिन, बीच में ही बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस आगे नहीं जाने दे रही। ऐसे में किसान बॉर्डर पर भी पड़ाव डाले हुए हैं। यहां राजस्थान व हरियाणा के अलावा गुजरात और महाराष्ट्र के भी काफी किसान हैं।
नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल के बॉर्डर पर पड़ाव डालने पहुंचने से एक दिन पहले 25 दिसंबर को हरियाणा पुलिस ने जयपुर- दिल्ली हाइवे की दूसरी लेन भी बंद कर दी थी। पुलिस को पहले अंदेशा था कि सांसद के आने के बाद किसान दिल्ली कूच कर सकते हैं। इससे पहले 12 दिसंबर से जयपुर से दिल्ली जाने वाली लेन पर किसान डटे हुए थे।