नई दिल्ली। डायबिटीज के बारे में एक आम राय है कि ये बीमारी जिसे होना है उसे जरूर होगी। लेकिन, विशेषज्ञ अब इसे पूरी तरह सच नहीं मानते। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की प्रोफेसर और हार्वर्ड वुमन्स हेल्थ वॉच की एडिटर इन चीफ डॉ. होप रिकीओटी कहती हैं कि प्री-डायबिटीज को ठीक किया जा सकता है।
क्या है प्री- डायबिटीज?
प्रीडायबिटीज वह अवस्था होती है जब व्यक्ति का शरीर ग्लूकोज को आसानी से ऊर्जा में नहीं बदल पाता। इससे शुगर का स्तर बढ़ जाता है, लेकिन यह इतना नहीं होता कि इसे डायबिटीज कहा जाए। हालांकि यह स्थिति आगे चलकर बीमारी में बदल जाती है। डॉ. रिकीओटी कहती हैं कि उस समय अपने वजन को पांच से सात फीसदी तक कम कर लिया जाए और खानपान को सुधार लिया जाए तो डायबिटीज से लंबे समय तक बचा जा सकता है। वे कहती हैं कि ऐसे व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज करनी चाहिए। भोजन में फल, सब्जी, होल ग्रेन, हेल्दी फिट शामिल करना चाहिए और शुगर कम कर देनी चाहिए। उसे हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनानी चाहिए।
हैल्दी लाइफस्टाइल डायबिटीज से बचने का उपाय
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉ. मोनीक टेला बताती हैं कि ‘द डायबिटीज प्रिवेंशन प्रोग्राम’ एक लंबी अवधि का अध्ययन है। 20 साल के मेडिकल रिसर्च में यह साबित हुआ है कि यदि हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाई जाए तो डायबिटीज से बचा जा सकता है। बल्कि अगर डायबिटीज़ की बीमारी नई है तो इसे रिवर्स भी किया जा सकता है।
ऐसे समझें क्या है लो-कैलोरी डाइट
इंग्लैंड में हुई रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों को नई डायबिटीज है वो लो-कैलोरी डाइट पर जाकर बीमारी को ठीक कर सकते हैं। रिसर्च में।ऐसे मरीजाें को दो से पांच माह तक 625 से 850 कैलोरी की लिक्विड डाइट लेने काे कहा गया। इसके बाद उन्हें सामान्य डाइट के लिए कहा गया, लेकिन इसमें भी हेल्दी चीजें लेनी थी ताकि वजन न बढ़े। अध्ययन में पाया गया कि करीब 50% लोगों का शुगर लेवल एक साल तक नहीं बढ़ा। ऐसी डाइट डॉक्टर के परामर्श पर ही लेनी चाहिए।