भरूच . गुजरात की भरूच लोकसभा सीट से भाजपा सांसद रहे मनसुखभाई धनजीभाई वसावा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस संबंध में उन्होंने गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को मंगलवार को पत्र लिखा है। इसमें यह भी लिखा है कि वे जल्द ही संसद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने इस साल मई से लेकर दिसंबर तक PM और CM को पांच शिकायती पत्र लिखे थे। इसके बाद ही वे विवादों में आए।
वसावा ने पांचों पत्रों में क्षेत्रीय मुद्दे उठाए थे।
गुजरात के सीएम विजय रूपाणी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि राज्य की आदिवासी लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाकर उनका शारीरिक शोषण कर उन्हें बेचा जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया था उनकी ओर से उठाए गए इस मुद्दे पर उन्हें आदिवासी इलाकों के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में लिखा कि भारत के राजपत्र के माध्यम से नर्मदा जिला के 121 गांवों को ईको सेंसेटिव जोन में शामिल किया गया है। जोन घोषित होते ही सरकारी लोगों का किसानों की जमीनों पर दखल बढ़ गया है। इन गांवों के रहवासियों को जानकारी दिए बगैर और उन्हें विश्वास में लिए बगैर इको सेंसिटिव जोन में रख दिया गया। इसे लेकर लोगों में काफी गुस्सा है। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से आदिवासी समाज की बहुत उपेक्षा की जा रही है।
भाजपा सांसद रहे मनसुखभाई धनजीभाई वसावा ने पत्र में लिखा है कि भाजपा ने मुझे मेरी क्षमता से अधिक दिया। इसके लिए मैं पार्टी का आभारी रहूंगा।
भाजपा सांसद रहे मनसुखभाई धनजीभाई वसावा ने पत्र में लिखा है कि भाजपा ने मुझे मेरी क्षमता से अधिक दिया। इसके लिए मैं पार्टी का आभारी रहूंगा।
ये लिखा पत्र में…
पत्र में वसावा ने लिखा है कि मेरी गलतियों के चलते पार्टी को नुकसान न पहुंचे, इसके चलते मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं। पत्र में आगे उन्होंने लिखा है कि भाजपा ने मुझे मेरी क्षमता से ज्यादा दिया है। इसके लिए मैं पार्टी का हमेशा आभारी रहूंगा। वहीं, मैंने भी पार्टी के साथ वफादारी निभाई है। साथ ही पार्टी और जिंदगी के सिद्धांत का पालन करने में बहुत सावधानी रखी है, लेकिन आखिरकार मैं एक इंसान हूं और इंसान से गलती हो जाती है, इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा देता हूं। वसावा ने ये भी कहा कि लोकसभा में सत्र शुरू होने से पहले वे सांसद पद से भी इस्तीफा दे देंगे।