भोपाल। ऑनलाइन ग्रॉसरी और फ्रेश फूड डिलिवरी बढ़ने के कारण देश में कोल्ड स्टोरेज सुविधा की मांग में बढ़ोतरी होगी। सीबीआरई की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 तक देश में कोल्ड स्टोरेज की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। 2019 में ओवरऑल कोल्ड स्टोरेज क्षमता 37 से 39 मिलियन टन थी।
दस राज्यों में कुल क्षमता का 91 फीसदी हिस्सा
रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में देश की कुल कोल्ड स्टोरेज क्षमता में सिर्फ 10 राज्यों की 91 फीसदी हिस्सेदारी थी। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण ऑनलाइन ग्रॉसरी और फ्रेश फूड की बिक्री बढ़ी है। इससे कोल्ड स्टोरेज सेगमेंट की मांग में मजबूत उछाल की उम्मीद है।
फूड डिलिवरी रेवेन्यू बढ़ने की उम्मीद
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 तक देश में ऑनलाइन फूड डिलिवरी (ओएफडी) रेवेन्यू में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में ओएफडी सेवाओं की मांग बढ़ने से ओवरऑल कोल्ड स्टोरेज क्षमता में भारी बढ़ोतरी होगी। सीबीआरई के चेयरमैन इंडिया एंड साउथ ईस्ट एशिया अंशुमन मैगजीन का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। फ्रेश फूड प्रोडक्शन एंड डिलिवरी, हेल्थकेयर और फूल-कैमिकल जैसे अन्य कारोबार करने वाली इंडस्ट्री के लिए यह काफी अहम है।
क्लाउड किचन से भी कोल्ड स्टोरेज की मांग बढ़ेगी
अंशुमन का कहना है कि देश में कोल्ड स्टोर सेगमेंट की संभावना को देखते हुए कहा जा सकता है कि कंज्यूमर इंडस्ट्री से जुड़े प्रमुख लोग इस सेक्टर में निवेश के लिए आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में क्लाउड किचन के उभरते कॉन्सेप्ट के कारण भी कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की मांग में भारी बढ़ोतरी होगी।