नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दी है। साथ ही सेल्फ असेसमेंट टैक्स के भुगतान की सीमा भी बढ़ाई गई है। जिन लोगों की सेल्फ असेसमेंट देनदारी एक लाख रुपए तक है, वे 30 नवंबर, 2020 तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि किन लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है? जॉब कर रहे या रिटायर हो चुके लोगों को अक्सर लगता है कि उनके इनकम से टैक्स काट लिया गया है तो उन्हें ITR फाइल करने की जरूरत नहीं है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो आप गलत हैं।
दरअसल, ITR भरने और इनकम टैक्स (Income Tax) जमा करने में फर्क है। ITR भरने का मतलब सरकार को अपने आय और खर्च की जानकारी देना है। ITR भरने के बाद अगर टैक्स की देनदारी बनती है तो आपको टैक्स चुकाना पड़ता है। अगर आपको नौकरी, कारोबार या पेशे से टैक्स छूट की सीमा से अधिक आमदनी होती है तो आपके लिए ITR भरना जरूरी है।
किन्हें भरना है ITR
अगर आप भारत के नागरिक हैं या फिर प्रवासी भारतीय (Overseas Indian) हैं और किसी एक वित्त वर्ष में आपकी कुल सालाना आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको ITR जरूर फाइल करना चाहिए। अगर आपकी सालाना कमाई 2.5 लाख से अधिक है, लेकिन टैक्स डिडक्शन इनवेस्टमेंट जैसे हेल्थ इंश्योरेंस या मेडिकल इंश्योरेंस के बाद यदि आपकी कुल आय 2.5 लाख रुपये से कम हो जाती है तब भी आपको ITR फाइल करना होगा। इसके अलावा यदि आपको टैक्स फ्री कैपिटल गेन्स (Capital gains) या इक्विटी शेयर की बिक्री से आमदनी होती है, तब भी ITR फाइल करना जरूरी है। इस स्थिति में वास्तव में आप सरकार को कोई टैक्स तो नहीं चुकाते हैं, लेकिन अपनी आमदनी का एक ठोस सबूत जमा करते हैं।
इन्हें मिलती है छूट
अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है और आपकी कुल आमदनी 2.5 लाख रुपये से अधिक है तो ITR फाइल करना जरूरी है। वहीं, उम्र 60 से 80 साल के बीच होने पर 3 लाख रुपये तक की आमदनी पर ITR फाइल करने से छूट मिलती है। वहीं, उम्र 80 साल या उससे अधिक होने पर 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर छूट मिलती है। यदि किसी एक वित्त वर्ष में आपकी कुल आमदनी सिर्फ कृषि और उससे जुड़े कार्य से होती है तो आपको ITR भरने की जरूरत नहीं है। साथ ही अगर आपकी कुल सालाना आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम है तब भी आपके लिए आईटीआर ITR भरना जरूरी नहीं है।