इंदौर। इंदौर में शुक्रवार रात चोरी की बड़ी वारदात हुई। छोटा सराफा के खियालाल कॉम्प्लेक्स में सोने की ज्वेलरी बनाने के कारखाने में चाेरों ने धावा बोला और चार दुकान के ताले चटका दिए। चोर यहां से 50 से 60 लाख रुपए का एक किलो 300 ग्राम सोने के आभूषण लेकर फरार हो गए हैं। थाने से महज 200 कदम की दूरी पर हुई इस चोरी में चोर दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए। पुलिस मामले में पड़ताल की बात कह रही है। बदमाश मालिक और स्टाफ के जाने पांच मिनट बाद ही आ धमके थे।
शॉप कर्मी शाहरुख ने बताया कि सुबह मकान मालिक ने कॉल कर बताया कि आपके दुकान के ताले टूटे हुए हैं। वारदात करीब 10:30 बजे की है। चोर यहां आए और सबसे पहले उन्होंने कैमरे की दिशा को मोड़ दिया। कैमरा घुमाने से वह बंद हो गया। इसके बाद पौने 12 बजे के करीब एक चोर ऊपर गया तो वह वहां लगे कैमरे में कैद हो गया। चोर दुकान में रखा एक किलो 300 ग्राम सोना लेकर भागे हैं। हमारे यहां 8 कारीगर काम करते हैं। यहां सभी के बैैठक के पास जेवर बनाने के लिए थोड़ा-थोड़ा सोना रखा था। हमारे यहां करीब 50 से 60 लाख रुपए की चोरी हुई है।
उन्होंने बताया कि हम रात में 10.25 बजे दुकान बंद कर निकले थे। बदमाश पूरी तरह से रैकी करके आए थे। वे हमारे जाने के पांच मिनट बाद ही तलघर स्थित दुकान पर आ धमके। कैमरे में कैद युवक ने मास्क लगा रखा था। चोरी की सूचना के बाद एफएसएल के अधिकारी और पुलिस के आला अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और जांच की। पुलिस का कहना है कि एक व्यक्ति सीसीटीवी में नजर आ रहा है। हुलिए के आधार पर चोर को तलाशा जा रहा है।
प्रदेश में ज्वैलरी बनाने की सबसे बड़ी मंडी
बता दें कि इंदौर का छोटा और बड़ा सराफा प्रदेश में ज्वैलरी बनाने की सबसे बड़ी मंडी है। यहां 1000 हजार से ज्यादा दुकानें और कारखाने हैं। यहां पर हजारों की संख्या में बंगली कारीगर ज्वैलरी डिजाइन करते हैं। यहां प्रतिदिन बड़ी मात्रा में सोने-चांदी की खरीदी-बिक्री का काम होता है। प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के भी ज्वैलर यहां ज्वेलरी डिजाइन करवाते हैं। यह कोई पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी कई बार यहां पर इस प्रकार की वारदात हो चुकी है।
कई मामले में तो बंगाली कारीगरों ने ही व्यापारियों को चूना लगाया है। पुलिस की मानें, तो सस्ती दरों पर मिलने वाले कारीगरों यहां लाकर काम करवाया जाता है। कई व्यापारियों ने तो पुलिस को अपने यहां काम करने वाले कारीगरों की सही सूचना तक नहीं देते। इसी कारण कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती हैं।