“आओ, करो, सीखो” बालमेलों का हुआ आयोजन- ओरेकल गिविंग और एकलव्य फाउंडेशन का प्रयास

आओ, करो, सीखो” बालमेलों का हुआ आयोजन- ओरेकल गिविंग और एकलव्य फाउंडेशन का प्रयास

बाल दिवस के अवसर पर शाहपुर ब्लॉक में “ शाला व समुदाय में शिक्षा का सशक्तिकरण” कार्यक्रम के तहत 13-14 नवम्बर 2024 को शाहपुर ब्‍लॉक के भौरा और कुंडी संकुल के 20 प्राथमिक विद्यालय, 20 शिक्षा प्रोत्साहन केंद्रों और 16 TeMIL केंद्रों पर बालमेलों का आयोजन किया गया। इसमें समुदाय और शिक्षकों के सहयोग से बच्चों के लिए कई रोचक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इन बालमेलों में लगभग 1200 बच्चे एवं 50 शासकीय शिक्षक- शिक्षिकाएं और एकलव्‍य फांउडेशन से 60 सदस्‍यों की टीम शामिल रही |
बालमेले में शामिल बच्चों को खेल-खेल में विज्ञान की जटिल अवधारणों से परिचय कराया गया और प्रश्न निर्माण प्रक्रिया से जोड़ा गया। शिक्षकों और एकलव्य टीम की इस सामूहिक पहल से स्कूलों में एक ऐसा माहौल निर्मित हुआ, जहाँ बच्चों को सीखने, समझने और कल्पना का विस्तार करने के अवसर मिले। बच्चों ने स्वनिर्मित सामग्री से जुड़े प्रश्न पूछे और समझ बनाई। आमतौर पर गाँवों में अलग-अलग सीजन ,त्योहारों, आर्थिक कारणों, मौसमी बीमारियों के कारण बच्चों की उपस्थिति कम हो जाती है, ऐसे में सरकारी शालाओं में इस प्रकार के प्रयास बच्‍चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करते हैं। ग्रामीण परिवेश में रहने वाले बच्‍चों के पास भी शहरी परिवेश में रहने वाले बच्‍चों के तरह ही विभिन्‍न ज्ञानवर्धक जानकारियां पहूँच सकें, और वह भी अपने ज्ञान को बढ़ा सकें, उन्‍हें भी विविध तरह के अवसर मिल सकें, इन बालमेलो में यही प्रयास किया जाता है। बालमेलों के दौरान बच्‍चों के पालकों को भी शाला परिसर में आमंत्रित किया जाता है, जिससे वह भी अपने बच्‍चों को खेल के माध्‍यम से गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा को प्राप्‍त करता देख सके, और अपने बच्‍चों की खुशियों में भागीदारी कर सके। ‍
दो दिवसीय इस आयोजन में विज्ञान के विभिन्न प्रयोग कराए गए, जिनमें मुख्य रूप से पानी और वायु दाब पर आधारित गतिविधियाँ शामिल थीं। इसके साथ ही बच्चों ने धागा पेंटिंग, ओरेगामी, और एंड क्राफ्ट जैसी रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिया। बच्चों ने अपनी कलाकृतियों से स्कूल और केंद्रों को सजाया और अपने सहपाठियों एवं शिक्षकों को स्वनिर्मित कहानियाँ सुनाईं। इसके अलावा, बाल्टी बॉल, कंकड़ दौड़, तोता पिंजरा, म्यूजिक बुक, और शेर-बकरी जैसे मैदानी खेल भी आयोजित किए गए।
एकलव्य की ओर से बालमेलों में शामिल प्रत्‍येक बच्चे को प्रोत्साहन स्वरूप उपहार के रूप में एक स्केल और स्वल्पाहार दिया गया। इस आयोजन को सफल बनाने में शाहपुर एकलव्य टीम के कार्यकर्ता, स्थानीय वालंटियर्स, और शासकीय शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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Author: papajinews

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